Pramod Thakare
प्रमोद भिमराव ठाकरे
#Pramod_Thaakre
#Pramod_Thaakre
NET, SET, MBA Ph.D. Appears From Bharti Vidyapeeth, Pune
Chairman and Founder Member of
Vidyaniketan Arts, Science and Computer Science College
● जीवन परिचय
प्रा. प्रमोद ठाकरे (Pramod_Thakare) पूरा नाम- प्रमोद भिमराव ठाकरे PRAMOD BHIMRAO THAKARE भारत के एक मानवी सामाजिक-राजकीय वैज्ञानिक है। जिनका जन्म भारत में - २५ सितंबर १९८७ में डोंगरगांव ता. शहादा जिला-नंदुरबार महाराष्ट्र में एक दलित परिवार में हुआ। पिता के अधिकारी होने की वजह से उन्हें अभ्यास करने का पूर्ण अवसर मिला। पिता के सेवा निलंबन के बाद में पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन्हें ही संभालनी पड़ी। परिवार के पालन पोषण के लिए उन्हें अपने पिता के अधिकारी पद के नीचे काम करने वाले लोगोंके हाथ नीचे लिखाई का काम भी करना पड़ा। उनकी माता को पैरालैसिस की बीमारी होने की वजह से वह आज भी उनके बेटे प्रमोद ठाकरे के ऊपर पूरी तरह से निर्भर है। राजकीय लेखन के साथ साथ प्रमोद एक पारिवारिक जिम्मेदारी निभानेवाले जिम्मेदार नागरिक है।
प्रा. प्रमोद भिमराव ठाकरे यह राजकीय विचारक है। सामाजिक एवं राजकीय घटनाओं का चिकित्सक अभ्यास तथा अध्ययन करने वाले सामाजिक-राजकीय वैज्ञानिक है। बहुत कम उम्र में राजकीय विचारक हुए भारत के कुछ गिने-चुने लोगोंमें उनका नाम अग्रणीय है। उनके विचारोंपर डॉ. आंबेडकर का तीखा प्रभाव है। प्रमोद ठाकरे जी उसी दलित समाज मे जन्मे है जिस दलित समाज मे डॉ. आंबेडकर जन्मे थे, शायद उसी कारण उनके विचारों पर डॉ. आंबेडकर का प्रभाव सबसे ज्यादा है।
भविष्यकालीन सामाजिक राजकीय घटनाओं का अध्ययन करना उनका प्राथमिक अध्ययन विषय है। यही अध्ययन विषय उनकी किताब "FUTURE HUMAN SOCIAL SCIENCE IN SPACE" में दिखाया गया है। यह किताब अंतरराष्ट्रीय किताब है। राजनीति विज्ञान के नए विचारों के निर्माण एवं विकास में इस युवा राजनीतिक वैज्ञानिक का बड़ा हाथ और योगदान है। अपने सभी लेखों में उन्होंने भविष्य की सामाजिक राजकीय संरचनाओं को अनुमानों के जरिये दिखाया है, जो भविष्य के मानवी विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
प्रा. प्रमोद ठाकरे (Pramod_Thakare) पूरा नाम- प्रमोद भिमराव ठाकरे PRAMOD BHIMRAO THAKARE भारत के एक मानवी सामाजिक-राजकीय वैज्ञानिक है। जिनका जन्म भारत में - २५ सितंबर १९८७ में डोंगरगांव ता. शहादा जिला-नंदुरबार महाराष्ट्र में एक दलित परिवार में हुआ। पिता के अधिकारी होने की वजह से उन्हें अभ्यास करने का पूर्ण अवसर मिला। पिता के सेवा निलंबन के बाद में पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन्हें ही संभालनी पड़ी। परिवार के पालन पोषण के लिए उन्हें अपने पिता के अधिकारी पद के नीचे काम करने वाले लोगोंके हाथ नीचे लिखाई का काम भी करना पड़ा। उनकी माता को पैरालैसिस की बीमारी होने की वजह से वह आज भी उनके बेटे प्रमोद ठाकरे के ऊपर पूरी तरह से निर्भर है। राजकीय लेखन के साथ साथ प्रमोद एक पारिवारिक जिम्मेदारी निभानेवाले जिम्मेदार नागरिक है।
प्रा. प्रमोद भिमराव ठाकरे यह राजकीय विचारक है। सामाजिक एवं राजकीय घटनाओं का चिकित्सक अभ्यास तथा अध्ययन करने वाले सामाजिक-राजकीय वैज्ञानिक है। बहुत कम उम्र में राजकीय विचारक हुए भारत के कुछ गिने-चुने लोगोंमें उनका नाम अग्रणीय है। उनके विचारोंपर डॉ. आंबेडकर का तीखा प्रभाव है। प्रमोद ठाकरे जी उसी दलित समाज मे जन्मे है जिस दलित समाज मे डॉ. आंबेडकर जन्मे थे, शायद उसी कारण उनके विचारों पर डॉ. आंबेडकर का प्रभाव सबसे ज्यादा है।
भविष्यकालीन सामाजिक राजकीय घटनाओं का अध्ययन करना उनका प्राथमिक अध्ययन विषय है। यही अध्ययन विषय उनकी किताब "FUTURE HUMAN SOCIAL SCIENCE IN SPACE" में दिखाया गया है। यह किताब अंतरराष्ट्रीय किताब है। राजनीति विज्ञान के नए विचारों के निर्माण एवं विकास में इस युवा राजनीतिक वैज्ञानिक का बड़ा हाथ और योगदान है। अपने सभी लेखों में उन्होंने भविष्य की सामाजिक राजकीय संरचनाओं को अनुमानों के जरिये दिखाया है, जो भविष्य के मानवी विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
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